प्रकाश संशलेषण के लिए चार पदार्थो या घटको की आवश्यकता होती है
- क्लोरोफील या पूर्णरित(chlorophyll)- क्लोरोफिल हीं वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश शांसलेशण की प्रक्रिया पूरा होता है अर्थात् बिना इसके मौजूदगी के प्रकाश संशलेषण संभव नहीं है।
- जल (H2O) या पानी- हरे पौधों के पतों मे उपस्थित पानी मे उपस्थित hydrogen और ऑक्सीजन को अलग कर ऑक्सीजन stomata द्वारा बाहर भेज दिया जाता है और hydrogen कार्बन डायऑक्साइड के साथ मिलकर ग्लूकोज बन जाता है।
- कार्बनडाई ऑक्साइड(CO2)- पौधे प्रकाश संशलेषण मे कर्बन डाई ऑक्साइड लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। अर्थात् यह photosynthesis के लिए जरुरी है
- सूर्य का प्रकाश(SUN LIGHT)-पौधे केवल सूर्य प्रकाश मे हीं कार्बनडाई ऑक्साइड को शुद्ध करते हैं। अँधेरे मे प्रकाश संश्लेषण नहीं हो सकती है क्युकी सूर्य हीं इसको आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। यानि की कलोरोफिल सूर्य से radiation Energy को trap कर करके उसको रासयनिक ऊर्जा मे बदलकर संशलेशित ग्लूकोज के अणुओ मे इसका समावेश करते हैं।
प्रकश संशलेषण की प्रकिया कैसे होती है या क्रियाविधि क्या है?
Phtotsynthesis मे पौधे सूर्य से निकलने वाले radiation energy को रसायनिक ऊर्जा मे बदल देते हैं।
जब सूर्य का प्रकाश हरे पौधों के पतियों पे पड़ता है तो पौधों मे उपस्थित क्लोरोफ़िल सूर्य से निकलने वाले Radiation energy को absorb कर लेता है। तथा इस ऊर्जा द्वारा हरी पतियों मे उपस्थित hydrogen और ऑक्सीजन को अलग अलग कर देता है। ऑक्सीजन को stomata के द्वारा बाहर निकाल देता है, तथा hydrogen कार्बन डायऑक्साइड के साथ मिलकर ग्लूकोज बनता है।
प्रकाश के आवश्यकता केवल जल को hydrogen और ऑक्सीजन मे तोड़ने के लिए हीं होता है। इस प्रक्रिया को light reaction भी कहते हैं।
Chapetr1: life Process (जैव प्रक्रम )
जैव प्रक्रम क्या है?
परिभाषा – वें सभी क्रिया जिनके द्वारा जीवों का अनुरक्षण होता है उन प्रक्रिया को जैव प्रक्रम कहते हैं|
चुकी हम जानते हैं की जीवों मे अनेको प्रकार की क्रियाऐं होती है जैसे स्वसन, पोषण, पाचन, परिवहन, उत्सर्जन etc
इन सभी प्रक्रियाओं का अलग अलग काम है हमारे शरीर की जीवित रखने तथा वृद्धि विकास के लिए इसलिए ये सभी प्रक्रियाऐं मिलकर जैव प्रक्रम का कार्य करती हैं |
Note: जीव कोशिका के आधार पर दो प्रकार के होते हैं –
- एक कोशिकीय जीव (single cellular lives)- जैसे
- 2. बहुकोशिकीय जीव (Multi Cellular lives)जैसे मनुष्य, मेढ़क etc