Q1. श्रम का लैंगिक विभाजन क्या होता है?
श्रम का विभाजन का मतलब है की महिला को घर के अन्दर का सारा काम करना है तथा पुरुषो को घर के बाहर पूरा काम करना होता है| यही श्रम का सेक्स के आधार पर विभाजन को श्रम का लैंगिक बिभाजन कहा जाता है|
Q2. भ्रूण हत्या से आप क्या समझते हैं?
अभी के समय में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके जैसे -ULTRASOUND हो गया इसका उपयोग करके गर्भ में हिन् शिशु का लिंग (SEX) पता करा लिया जाता है यदि उनको लगता है की ये शिशु लडकी है तो इसकी हत्या करा देते हैं इसी शिशु की हत्या को भ्रूण हत्या कहा जाता है|
Q3. महिलाओं के शाश्क्तिकरण से आप क्या समझते हैं? उतर लिखें|
किसी भी महिला या महिलाओ को आपने अधिकार को लेकर जागरूक होना महिला सशक्तिकरण कहा जाता है| अगर एक महिला को अपने पुरे अधिकार मालूम है तो वह महिला सशक्त कही जाती है| कुछ समय पहले के बात करे तो महिलएं काफी हद तक पिछड़ी हुई थी अपने अधिकार को लेकर यहाँ तक की वो आपने घर में अपनी मर्ज़ी से नहीं रह सकती थी| नारियो के विकाश के बिना समाज का विकास करना सिर्फ के सपना है|
Q4. जगजीवन राम का जाती व्यवस्था पर क्या विचार थे?
बाबु जगजीवन राम का जाती व्यवस्था पर विचार था की एक आदमी आपना सब कुछ छोड़ सकता है, परन्तु वह जाती व्यवस्था में आपने विकास को तिलांजली नहीं दे सकता है|
Q5. धर्म निरपेक्षता का क्या अर्थ होता है?
धर्म की निरपेक्षता का अर्थ है की धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए तथा किसी भी व्यक्ति को आपनी धर्म के ऊपर विश्वास रखने की सम्पूर्ण आजादी|
लघु उतरिय प्रश्न और उसका उत्तर राजनितिकशास्त्र class-10
Q1. लैंगिक विभेद से आप क्या समझते हैं?
लिंग(SEX) के आधार पर होने वाले विभेद को लैंगिक विभेद कहा जाता है| लिंग के आधार पर समाज (Society) को दो भागो में बाटा गया है
1. महिला तथा 2. पुरुष
महिला तथा पुरुष में जो भेद है यानि की मतभेद है वो आपको हर जगह देखने को मिल जायेगा|
जैविक दृष्टि से देखें तो आसमता बहुत सारें हैं पर हम राजनीतिशास्त्र में केवल सामाजिक असामनता की बात करते हैं|
परुष तथा महिला में बहुत सारे सामाजिक असामनतायें हैं जैसे- घर का सारा कम स्त्री या महिला को करना तथा बाहर का काम पुरुष को करना होता है, इस प्रकार के मतभेद जो की लिंग के आधार पर होते हैं तो इस मतभेद को लैंगिक विभेद काहा जाता है|
Q2. समाज में नारी या स्त्री या महिला के दयनीय स्थिति के लिए उतरदायी नियमो को लिखें या वर्णन करें?
प्राचीन काल में जैसा की नारी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था यानि की नारी या स्त्री को लक्ष्मी माता का दर्जा प्राप्त था|
समाज में नारीयों को एक गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त था | नारी को गृहलक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता था| यहाँ तक की यह माना जाता था की जहाँ नारी का वास होता है वहां देवता लोगो का निवास होता है|
परन्तु जैसे जैसे समय गुजरता गया नारी की स्थिति समाज में बिगड़ती चली गयी अंग्रजो के शाशन काल में तो और बिगड़ गयी थी|
नारियो की स्थति समाज में दयनीय होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
- महिलाओं के साथ भेदभाव करना
- श्रम का लैंगिक विभाजन
- शिशु का भ्रूण हत्या
- बाल विवाह
- सती प्रथा
- शिक्षा की कमी
- राजनैतिक अधिकार का न मिलना
Q3. समाज में महिलाओ की स्थिति सुधारने लाने के लिए किन्ही दो कारणों को बताएँ?
आजदी के बाद यानि की 15 अगस्त 1947 के बाद अपने देश के संविधान ने नारियो के समान देने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | जिससे नारियो के जीवन में एक नया मोड़ आया| भारत ने लिंग के समानता के अधिकार को स्वीकारा और उसपे कानून बनाया तथा उन्हें भारतीय संविधान में पुरुषो के समान आधिकार दिया गया| और संविधान में लिंग के आधार पर भेदभाव न करने के लिए कानून बनाया और महिला को सामान राजनातिक अधिकार की बात किया|
महिला की स्थिति को सुधार लाने के लिए दो कारण निम्नलिखित हैं-
- महिला सशक्तिकरण– महिलाओं को पुरुषो के बराबर का राजनैतिक अधिकार देना
- महिला में शिक्षा के स्तर को उठाना-महिला में शिक्षा के स्तर को बढ़ा दिया जाये तो समाज फिर से स्वर्ग क बन जायेगा क्यंकि एक महिला पुरे परिवार को शिक्षित कर देती है अगर वो शिक्षित होती है तो|