लेन्ज का नियम Lenz’s Law in electro mangnetic induction

By | November 12, 2021

लेंज के नियम के नियम का प्रयोग किसी विधुत परीपथ (ELECTRIC CIRCUIT) में प्रेरित धारा की दिशा Direction of induced E.M.F) ज्ञात करने के लिए किया जाता है|

लेन्ज का नियम क्या है? Lenz ka niyam kya hai?

लेंज ने induced electromotive force से उत्पन्न होने वाली धारा के दिशा के लिए के नियम दिया जिसे लेंज का नियम कहा जाता है , लेंज के नियम के कथन हैं मतलब की लेंज के नियम के अनुसार ,

कथन (Statement of lenz law)– विधुत चुम्बकीय प्रेरण(electro-magnetic induction) के कारण सभी अवस्थावो में किसी परिपथ(circuit) में प्रेरित धारा(induced current) की दिशा(direction) इस प्रकार होती है की वह उसी कारण का विरोध करती है जिस कारण वो खुद उतपन्न या पैदा होती है|

Lenz’s law- The direction of induced current in such a way that it oppose the cause which induces it. means it always opposes the cause of it existence

हम सभी फैराडे के नियम जानते हैं की जब किसी बंद परिपथ के समीप चुम्बकिया फ्लक्स के मान में परिवर्तन होता है तो वहां एक emf प्रेरित हो जाता है |

परन्तु बात करें करें तो इस induced emf की direciton की तो यह लेंज के नियम से पता लगाया जा सकता हैं|

Lenz’s के नियम को अनुभव(feel) करने के लिए क्या करें

लेज़ के नियम का उपयोग कुछ उदहारण लेकर समझते है|

CASE-1.जब चुम्बक को COIL के नजदीक जाने के कारण

जैसे बार करते हिन् उपर वाले इस circuit की तो अगर इस circuit में विधुत धारा का दिशा निकलना है तो हमें लेंज के नियम का प्रयोग करना पड़ेगा क्यूकी यहाँ पर कोई सेल या बैटरी नहीं लगा है|फिर भी यहाँ धारा का प्रवाह हो रहा है यानि की कुछ तो अलग है |

प्रेरित धारा की दिशा को पता करने के लिए हम लेंज के नियम का उपयोग करेंगे जिसमे यानि की जैसे हिं किसी कुंडली को चुमबकीय क्षेत्र के N-POLE को कुंडली के समीप में लायेंगे तो COIL पे N-POLE यानि की उतरी ध्रुव बन जायेगा जो की लेंज के नियमानुसार आपने कारण यानि की चुमबक के N-POLE का विरोध करेगा |

और धारा का दिशा Anti-clock-wise होगा|

CASE-2 जब चुम्बक के N-POLE को COIL से दूर ले जाया जाये तो

दसूरे केस में जब चुम्बक के N-POLE को coil से दूर ले जाया जा रहा है तो इस केस में लेंज के नियम के अनुसार धारा की दिशा ,

जब चुम्बक के N-POLE को coil से दूर ले जाया जा रहा है तो इस केस में लेंज के नियम के अनुसार coil पे s-pole उतपन्न होगा जो की इस कुंडली(coil) में clock-wise direction में current उतपन्न क्र देगा|

case-3 जब चुम्बक के S-POLE को कुंडली के समीप लाया जाये तो धारा की दिशा|

इस केस में coil में s-pole उतपन्न होगा जो की चुम्बक के समीप आने का विरोध करेगा जिसके कारण इस coil में धारा की दिशा clockwise direction में होगा|

case-3 जब चुम्बक के S-POLE को कुंडली से दूर ले जाये तो धारा की दिशा|

इस केस में जैसे हिन् चुम्बक कोcoil से दूर ले जायेंगे तो कुंडली दूर जाने का विरोध करेगी और n-pole (उतरी ध्रुव ) उतपन्न करेगी| जिसके कारण circuit मे धारा बहने लगेगी जिसकी दिशा anti-clockwise direction होगी|
  • N-POLE(NORTH POLE- उतरी ध्रुव)
  • S-POLE(SOUTH POLE-दक्षिणी ध्रुव )
  • anti clockwise(वामवर्त-घडी के विपरीत दिशा में )
  • clock wise(दक्षिणावर्त -घडी की दिशा में )
  • Direction(दिशा)
  • induced emf (प्रेरित विधुत चुम्बकीय बल)
  • circuit(परिपथ)

clock rule क्या है इसक use क्या है?

clock rule की सहायता से हम किसी परिपथ में उतपन्न हुए चुम्बकीये ध्रुव का पता लगते हैं|

ऊपर की फोटो में दो CIRCUIT दिखाया गया हिया जिसमे जिससे आप current के डायरेक्शन के पता लगा सकते हैं पहले फिगर में S(एस ) दिख रहा हैं यानि की जब S-SHAPE यानि की जब s-pole उतपन्न होगा तब हम धारा की दिशा को clock-wise मानते हैं|

उसी तरह जब circuit में n-shape या n-pole दिखाई देगा तो धरा की दिशा एंटी clock wise माना जाता है|

Thank you sir!