इस ब्लॉग में हम जानेगे की अनुगमन वेग क्या होता है जो class 12th के लिए एक महत्वपूर्ण टॉपिक है| इसलिए बिना time waste किये हम आपने टोपिक में चलते हैं |

अनुगमन वेग क्या होता है- परिभाषा
जब चालक के सिरों के बीच कोई बैटरी है विद्युत वाहक बल स्रोत जोड़कर विभवान्तर स्थापित किया जाता है तो चालक के अंदर प्रत्येक बिंदु पर एक विद्युत क्षेत्र स्थापित हो जाता है, जिसके कारण मुक्त इलेक्ट्रॉन पर एक बल इस विद्युत क्षेत्र के विपरीत दिशा में लगने लगता है।
यह बल मुक्त इलेक्ट्रॉन को अपनी दिशा में त्वरित गति प्रदान करने लगता है। जिसका मन बहुत कम अर्थात धातु के लंबाई के अनुदिश तथा नियत होता है क्योंकि मुक्त इलेक्ट्रॉन धातु के धनायन से लगातार जगराते रहते हैं तथा बैटरी से प्राप्त ऊर्जा इन टक्करो के कारण खत्म होते रहता है या नष्ट होते रहता है।
इसी अल्प मान के नियत वेग को अनुगमन वेग या अपवाह वेग कहा जाता है।
अनुगमन वेग का परिभाषा क्या है?(what is definition of drift velocity )
किसी चालक के सिरों पर आरोपित विभवानंतर इसके अंदर उपस्थित इलेक्ट्रॉन को त्वरित गति ना करके तार की लंबाई के अनुदिश अल्प परिमाण का हीं नियत वेग दे पाता है जो मुक्त इलेक्ट्रॉन की उष्मिय गति पर आरोपित रहता है। अल्प परिमाण के इस नियत वेग को हीं अनुगमन वेग कहा जाता है
अनुगमन वेग या अपवाह वेग का सूत्र क्या होता है?(what is formula of drift velocity?)
vd = eVζ/(m l)
अनुगमन वेग तथा विद्युत धारा में संबंध ( relation between drift velocity and electric current ) class 12 physics notes in Hindi for Bihar board 2023
तो आज के इस ब्लॉग मे हम देखने वाले की विद्युत धारा और अनुगमन वेग या अपवाह वेग में क्या संबंध है।
मना की अनुप्रस्थ काट का कोई कोई चालक की है जिसकी लंबाई l है, तथा इस चालक के सिरे AB के बीच एक विद्युत स्रोत जोड़कर विभवंतर V स्थापित किया।
इसलिए इस चालक में प्रवाहित होने वाली धारा,
I=q/t……… Eq. 1.(माना)
माना कि चालक के प्रति एकांक आयतन में मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या n है। तथा इलेक्ट्रॉन का अनुगमन वेग vd है।
इसलिए मुक्त इलेक्ट्रॉन द्वारा 1 सेकंड में तय किया गया चालक का आयतन = A*vd
इसलिए एक सेकंड में चालक के अनुप्रस्थ काट से गुजरने वाले मुक़्त इलेक्ट्रान की संख्या = nAvd
t सेकंड में चालक से गुजरने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या =nAvd * t
इसलिए t सेकंड में चालक के अनुप्रस्थ काट से गुजरने वाले कुल आवेश q= nAvd t e (चुकि q= ne)
इसलिए धारा, I= q/t
I=nAvd t e/ t
I= neAvd
ऊपर दिया गया सूत्र विद्युत धारा और अनुगमन व्यक्त संबंध को दर्शाता है। जिसमे, I= विद्युत धारा, n= प्रति एकांक आयतन मे इलेक्ट्रॉन की संख्या, A= चले की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल, vd = अनुगमन वेग या अपवाह वेग
इलेक्ट्रान का माध्य मुक्त पथ किसे कहा जाता है? (What is mean free path of electron)
धातु के अंदर मुक्त इलेक्ट्रॉन की धातु के स्थिर आयनो से हुई दो क्रमागत अप्रत्यस्थ टक्करो के बीच, इलेक्ट्रॉन द्वारा तय की गई दूरी को इलेक्ट्रॉन का माध्य मुक्त पथ कहा जाता है।
इसे λ से सूचित किया जाता है।
इसका कोटि 10-9 का होता है मतलब इनका मान बहुत हीं कम होता है।
श्रन्तिकाल (Relaxation time)
मुक्त इलेक्ट्रान का श्रन्तिकाल क्या होता है? (What relaxation time of free electrons?)
धातु के अंदर मुक्त इलेक्ट्रॉनो की स्थिर आयनो से हुयी दो क्रमागत अप्रत्यास्थ टकरो के बीच इनके द्वारा तय की गयी दुरी (जिसे माध्य मुक्त पथ कहा जाता है )को तय करने मे लगे समय को श्रन्तिकाल कहा जाता है।
श्रन्तिकाल = माध्य मुक्त पथ / वर्ग माध्य मूल वेग