प्रकाश के प्रकीर्णन का परिभाषा – जब प्रकाश की किरण या किसी वस्तु से टकराकर अपनी दिशा बदल लेती हैं और परावर्तन के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो इस क्रिया को प्रकीर्णन कहा जाता है |

प्रकाश का प्रकीर्णन एक प्रैक्टिकल साबित किया गया तथ्य इसलिए इसे मैथमेटिक्स के द्वारा नहीं दिखाया जा सकता है |
अर्थात प्रकाश के अनियमित परावर्तन को प्रकाश का प्रकीर्णन कहा जाता है |
प्रकाश के प्रकीर्णन को सबसे पहले टिंडल ने पता लगाया था पर बताया था कि वायुमंडल में धूल के कण तथा वायु के अणु प्रकाश किरणों को प्रत्येक दिशा में प्रकीर्णन करते हैं |
प्रैक्टिकली प्रकिर्णन पश्चात प्रकाश का रंग और उसकी तीव्रता टकराने वाले कणों के आकार पर निर्भर नहीं करती है |
प्रकिर्णित प्रकाश आंशिक रूप से ध्रुवित होता है |
लॉर्ड Rayleigh ने प्रयोग द्वारा बताया था कि प्रकिर्णित प्रकाश की तीव्रता प्रकाश की तरंगधैर्य के चतुर्थ घात के व्युत्क्रमानुपाती होता है |
प्रकाश के प्रकीर्णन के उदाहरण( examples of scattering of light)
प्रकाश के प्रकीर्णन के उदाहरण–
- आकाश का नीला दिखाई देना
- सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई पड़ना
- ट्रैफिक सिग्नल का लाल होना
- बादलों का रंग सफेद होना
आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है आकाश नीला होने का कारण क्या है?
आकाश का रंग नीला दिखाई देने का कारण :- आकाश का रंग नीला दिखाई देने का मुख्य कारण प्रकाश की किरणों का प्रकीर्णन होता है |
प्रकीर्णन: प्रकीर्णन एक प्रकाश की घटना है जिसमें सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणों का अनियमित परावर्तन तथा परिवर्तन के नियमों का पालन नहीं होता है |
Lord Rayleigh एक वैज्ञानिक है जिन्होंने बताया था कि पंडित प्रकाश की तीव्रता उस की तरंग धैर्य का चतुर्थ घात का व्युत्क्रमानुपाती होता है |
i.e तीव्रता (I) =k(1/तरंगधैर्य^4)
इसलिए रैली के अनुसार इसकी व्याख्या की जा सकती है कि आकाश नीला क्यों होता है:
हम जानते हैं कि लाल रंग का तरंग धैर्य सबसे अधिक और बैंगनी तथा नीले रंग का तरंग धैर्य सबसे कम होता है इसलिए रैली के अनुसार हम कर सकते हैं कि लाल रंग का प्रकिर्णित प्रकाश की तीव्रता कम होगी तथा बैगनी तथा नीले रंग के प्रकिर्णित प्रकाश की तीव्रता सबसे अधिक होगी |
चिट्ठी लाल रंग की प्रकृति प्रकाश की तीव्रता सबसे कम है इसलिए लाल रंग दिखाई नहीं देती है तथा बैगनी रंग की प्रकाश प्रकाश की तीव्रता सबसे अधिक है हमें नीले तथा ब्लू रंग दिखाई देता है|
सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य लाल का रंग लाल होने के कारण
सूर्य के उदय होते हुए समय और डूबते हुए समय सूर्य के प्रकाश की किरणे दिन क्या अपेक्षाअधिक दुरी तय करके हमारे आंखों तक पहुंचती है|
वायु मंडल में मैं धूल कणों के द्वारा इनका प्रकिर्णन बहुत अधिक संख्या में हो जाता है,
जिसके कारण सूर्य के प्रकाश में