उच्च शिक्षा प्रणाली में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करें इसे सुधार करने के लिए कुछ उपाय बताएं।
हमें ऐसे शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो,मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
– स्वामी विवेकानंद
उच्च शिक्षा का अर्थ सामान्य रूप से सबको की जाती है 11वीं बार भी तक उससे ऊपर किसी विषय में दी जाने वाली शिक्षा से है। जो कि विश्वविद्यालयों, कॉलेज एवं प्रौद्योगिकी संस्थानो द्वारा दी जाती है। एवं इसके अंतर्गत स्नातक परास्नातक एवं व्यवसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण आदि आते हैं।
भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली
भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली तंत्र अमेरिका और चीन के बाद तीसरे सबसे बड़े उच्च शिक्षा तंत्र में गिना जाता है।
भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली से संबंधित मुद्दे
वित्त पोषण की कमी- शिक्षा प्रणाली को वित्त पोषित करने में राज्य असक्षम रहता है जिस कारण निजी शिक्षण संस्थानों का विकास तेजी से होता है। तथा कम वित्तीय सहायता के कारण ग्रामीण शैक्षणिक संस्थानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उच्च शिक्षा में नामांकन की कमी-
भारत में हुए सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार स्नातक में 2.83 करोड़ छात्रों ने प्रवेश लिया वही परास्नातक में 40 लाख ने ही नामांकन कराया। तथा 2021 के उच्च शिक्षा सर्वेक्षण के अनुसार GER -27.1% हो गया।
गुणवत्ता में कमी –
राजनीती – शिक्षा के विषय को चुनाव का मुद्दा बनाया जाता है और उन्हें पूरा करने के लिए राजनीतिक दबाव बनाया जाता है।
टुलमूल रवैया- भारतीय अधिकारियों द्वारा अनुयोदित डिग्री पेश करने में ढीले रवैया के कारण निजी संस्थान अवसरों का फायदा उठाते हैं जिसका सीधा प्रभाव छात्र पर पड़ता है।
देश में उच्च शिक्षा प्रणाली से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं –
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 2035 तक हम शिक्षा स्तर पर Gross Enrollment Ratio(GER) को 50% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। तथा उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए भारतीय शिक्षा परिषद का गठन।
शिक्षा को 42वें संविधान संसोधन द्वारा (1976) राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में शामिल कर दिया गया ताकि राज्यऔर केंद्र मिलकर कार्य करे।
राष्ट्रीय शिक्षा मिशन- जिसका उद्देश्य कहीं भी कहीं भी उच्च शैक्षिक संस्थानों में सभी विद्यार्थियों के फायदे के लिए शिक्षण और अध्ययन प्रिक्रिया मे सुचना एवं संचार प्रोद्योगिकी को सामिल करना है।
शिक्षकों को अच्छा प्रशिक्षण मिले इसके लिए अच्छे कर्तव्यनिष्ठ योग्य एवं क्षमतावान प्रशिक्षक हों।
उच्च शिक्षा छात्रों में न सिर्फ ज्ञान बढ़ाती है बल्कि उनके आगे के जीवन के लिए तैयार करती है ताकि वे आगे चलकर अपनी आजीविका के साधनों को एकत्र करने के साथ-साथ समाज में अच्छा सा स्थान प्राप्त कर सके।
इस प्रकार उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है जिन्हें एकजुट होकर और तकनीक का उपयोग करें सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
NOTE: THIS ARTICLE IS PROVIDED FOR THOSE WHO ARE PREPARING FOR UPSE AND WANT TO PRACTICE THE MAINS PAPER