गाँधी जी की दांडी यात्रा का उद्देश्य क्या था
दाण्डी यात्रा का मुख्य उद्देश्य नमक कानून को भंग करना था।
दान्डी यात्रा को नमक यात्रा भी कहा जा सकता है।
नमक की व्यापार और उत्पादन पर अंग्रेजी साशन का नियंत्रण था।
गांधी जी इसे अन्याय मानते थे एवं इसे समाप्त करना चाहते थे।
इस नमक कानून को रद या भंग करने की लिए गांधी जी अपने 78 सहयोगीयों की साथ 12 मार्च, 1930 को दाण्डी यात्रा की शुरुआत किया।
गाँधी जी 6अप्रैल 1930 को दाण्डी पहुंच कर वहाँ पर नमक बनाकर इस नमक क़ानून को भंग किया।
इसी की साथ नमक सत्याग्रह आरम्भ हुआ और जल्दी हीं पुरे देश मे फैल गया। इसे सविनय अवज्ञा आंदोलन भी कहते हैं।