अर्थिंग क्या होता है?अर्थिंग के प्रकार और घरों में कौन सी और कैसे अर्थिंग की जाती है?what is Earthing In Hindi

By | April 1, 2022
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Introduction of Earthing(अर्थिंग का परिचय)

Earthing In Hindi अर्थिंग के प्रकार और घरों में कौन सी और कैसे अर्थिंग

Earthing का मतलब है की सप्लाई सिस्टम(supply system) के न्यूट्रल पॉइंट(Neutral point) को तथा घर में प्रयोग किये जाने वाले विद्युत् उपकरणों जैसे- फ्रिज(Refrigerator), लाइट(Light),पंखा(fan), कूलर (cooler), टेलीविज़न(Television)(T.V), मोबाइल(MOBILE charger) और लैपटॉप चार्जर(Laptop charger),  डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड इत्यादी को एक तार(wire) के माध्यम से धरती या जमींन में गाड़ना या जोड़ना| ताकि अगर किसी भी प्रकार कला फाल्ट या खराबी जैसे short-circuit होने पर ये लीकेज कर्रेंट (Lickage current) को सीधे धरती में पंहुचा दे और उपकरण जलने /फुकने से बच जाये|

अर्थिंग(Earthing) एक प्रकार का प्रोटेक्शन सिस्टम(Protection system) है| जो हमें बिजले के खतरे से बचने के लिए विकसित किया गया है|

(ये अर्थिंग वाला तार कॉपर (Copper) का लिया जाता हिया क्युकी कॉपर का conductivity ज्यादा होता है|)

आज के इस Article(पोस्ट) हम अर्थिंग (earthing in hindi) के बारे में हिं पढ़ेंगे।

अर्थिंग कितने प्रकार के होते है? (What are types of Earthing in hindi)

अर्थिंग मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं(Mainly There are two types of Earthing)

  • डायरेक्ट अर्थिंग सिस्टम (Direct earthing system)
  • इनडायरेक्ट अर्थिंग सिस्टम (Indirect earthing system)

प्रत्यक्ष भू-योजन प्रणाली क्या है (What is directing or direct earthing system in Hindi)

जब हम अर्थिंग wire या earthing की Electrode को सीधे धरती या जमिन में गाड या जोड़ देते हैं मतलब अर्थिंग wire या earthing की Electrode तथा earthing की जाने वाली उपकरणों के तारो के बिच में कोई अन्य प्रतिरोध, रेजिस्टेंस, रिएक्टेंस, coil या करंट ट्रांसफॉर्मर या पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर ना हो तो, इस प्रकार के अर्थिन्ग को प्रत्यक्ष भू योजन प्रणाली क्या है ( directing or direct earthing system) कहा जाता है|

अप्रत्यक्ष भू-योजन प्रणाली क्या है (What is Indirecting or Indirect earthing system in Hindi)

जब हम अर्थिंग तार या earthing की Electrode को सीधे धरती या जमिन में नहीं गाडते या जोड़ते हैं मतलब अर्थिंग wire या earthing की Electrode तथा earthing की जाने वाली उपकरणों के तारो के बिच में प्रतिरोध, रेजिस्टेंस, रिएक्टेंस, coil या करंट ट्रांसफॉर्मर या पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर(Voltage Transformer) लगाया हुवा हो तो, इस प्रकार के अर्थिन्ग को अप्रत्यक्ष भू-योजन प्रणाली क्या है ( indirecting or indirect earthing system) कहा जाता है|

Earthing करने से क्या लाभ है?(what is advantages(Benefits) of earthing in Hindi)

earthing करने का मुख्य फायदा है की ये विद्युत् उपकरणों को जलने से बचाता है| अर्थिंग करने के फायदे तो अक्सर हम सभी जानते हैं परन्तु अपने मकानों या घरो में अर्थिंग करवाते नहीं ये हम सबकी सबसे बड़ी ग़लती है|

अर्थिंग करने के फायदे निम्नलिखित हैं (list of Benefits of Earthing)

  1. अर्थिंग हमें बिजली के झटके लगने से बचाता है क्युकी जब हम किसी भी विद्युत् उपकरण (Electric appliances) को अर्थिंग से जोड़ देते हैं तो उपकरण का जो बहरी भाग होता है वो उदासीन यानि की न्यूट्रल(अनावेषित) होता है, परन्तु किसी कारण यदि उसपे कोई चार्ज या current या अवेश आ जाती है तो उस आवेश को earthing सधे धरती में पंहुचा देता है| और हमें shock लगने से बच जाता है|
  2. किसी भी उपकरण या हमें बिजली के झटके लगने का डर नहीं रहता है, क्युकी जब हम किसी भी उपकरण को अर्थिंग का देते हैं तो उसके बहरी वाले हिस्से का विभव (voltage or potential) earth के विभव(Earth potential or Earth voltage) के बराबर हो जाता है जिसका मलतब कोई भी बिजिली के current का संचालन नहीं होता है और हम सुरक्षित रहते है|
  3. Building को lightening (तडित या तड़का) से भी सुरक्षा प्रदान करता है क्युकी यही आसमान से गिरने वाली बिजली को भी आसानी से धरती में पहुचाने का भी काम करता है जिससे हमरा घर मकान और बिल्डिंग सुरक्षित रहता है|
  4. यह बिजली के उपकरण जिसे टीवी फ्रिज इत्यादि को जलने से बचाता है क्यूंकि जब भी शोर्ट-सर्किट होता है short-circuit से उत्पन्न एक्स्ट्रा वोल्टेज को सीधे धरती में पंहुचा देता और हमारा उपकरण फुकने से बच जाता है|

Earthing के अन्य प्रकार(Different types of earthing in hindi)

भारतीय मानक के अनुसार अर्थिंग के निम्न प्रकार हैं (According to Indian Standard Earthing are of following types)

  • प्लेट अर्थिंग (plate earthing)
  • पाइप अर्थिंग (Pipe earthing)
  • छड़ अर्थिंग (Bar or Rod earthing)
  • पत्ती अर्थिंग (Strip earthing)

प्लेट अर्थिंग क्या होता है ? (What is plate earthing in hindi)

जैसा की नाम से हिं पता चलता है की इसमें जो जमीन के अन्दर का गाडा हुआ पार्ट तार के बदले एक प्लेट(plate) होता है|  यह प्लेट 60 cm× 60 cm ×3.15 cm के माप का होता है ये प्लेट भी दो प्रकार के प्लेट होते हैं।

एक प्लेट कॉपर(copper) का प्लेट होता है जो सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है,  इस प्लेट में 8 SWG के साइज का कॉपर वायर earth wire के रूप में इस्तेमाल किया जाता है| और दूसरे प्रकार का प्लेट गलवेनाइज्ड आयरन (Galvenized iron) का होता है। जिसमे 6 SWG के साइज का जस्तिकृत आयरन (Galvanized iron) तार को earth plate से जोड़ा जाता है।

इस अर्थ वायर(Earth Wire) को जमीन(Earth) के नीचे लगे प्लेट में नट बोल्ट(Nut-Bolt) की मदद से कसा जाता है। उसके बाद इस तार को एक 12.7 mm व्यास(diameter) वाले Galvanized iron (GI) पाइप की मदद से बाहर तक ले आया जाता है और और फिर अपने use के अनुसार जोड़ लिया जाता है|

अर्थ प्लेट(earthing plate) को जमीन में लगभग 1.5 मीटर नीचे(गहराई में) लगाया जाता है। इस गड्ढे में पहले 15cm-15cm मोटी नमक(salt) तथा चारकोल(charcoal) का परत(layer) से उस अर्थ प्लेट को ढक(coverd) दिया जाता है। जैसा कि निचे चित्र में दिखाया गया है|

plate type earthing fugure

अब इस गढ्ढे में समय-समय पर या पता लगाकर पानी डालते रहते है जिससे इसके अन्दर का नमी बरकरार रहता है| पानी डालने के लिए इसके यानि की गड्ढे के अन्दर एक पानी जाने के लिए रास्ता यानि की पाइप लगा देते है जो G.I का पाइप लगा होता है (G.I. PIPE में मुर्चा CORROSION नहीं पकड़ता है और ज्यादा दिन चलता है) जिसके मुह पर एक कीप लगा देते हैं जिससे पानी डालने में आसानी होता है| और अंत में इस कीप को ढँक देते या ढक्कन लगा देते हैं|

पाइप अर्थिंग क्या होता है ? (What is Pipe earthing in hindi)

यहाँ नाम से हिं पता लग रहा की प्लेट के जगह पर एक पाइप लगा होगा|

पाइप अर्थिंग(pipe earthing) में 2.5 meter एक लम्बा गल्वेनाईजड आयरन(Galvanized iron) (G.I) का पाइप होता है जिसके एक साइड को नुकीला बबनाते जिससे उसको जमीं के अन्दर गाड़ने में आसानी होता है|

pipe type earthing figure in hindi

इस EARTH पाइप की साइज 30 mm व्यास(Diameter) का होता है। इसको 3.25m नीचे गाडा जाता है। तथा इसे जमीन के ऊपरी सतह यानि की उपर तक लाने के लिए एक 19 mm व्यास वाली पाइप को Reducing Socket(सॉकेट) के द्वारा अर्थिंग पाइप(Earthing) में कसकर ऊपर धरती तक लाया जाता है।

इसमें जो ऊपर की पाइप है उसे ऊपर लाकर सीमेंट(cement) और कंक्रीट(concrete) से जाम कर दिया जाता है उस उपर के पाइप के द्वारा अर्थ तार(earthing wire)को कसकर एक 12.7mm ब्यास(diameter) वाले जी आई(G.I) पाइप के द्वारा कंक्रीट से बाहर निकाल लिया जाता है।

इसमें भी जमींन के अन्दर के नमी को बनाए रखना पड़ता है जिसके लिए हम इसके अंदर भी नमक तथा चारकोल डाला जाता है|जैसा की प्लेट अर्थिंग में किया जाता है| EARTHING PIPE को जमीन में लगभग 1.5 मीटर नीचे(गहराई में) लगाया जाता है। इस गड्ढे में पहले 15cm-15cm मोटी नमक(salt) तथा चारकोल(charcoal) का परत(layer) से उस अर्थ प्लेट को ढक(coverd) दिया जाता है। जैसा कि निचे चित्र में दिखाया गया है|

इसके भी उपरी भाग वाले पाइप में एक कप लगा दिया जाता है जिसके सहायता से पानी डाला जा सके|

छड या रॉड अर्थिंग क्या होता है ? (What is Rod or Bar earthing in hindi)

यह सबसे सस्ती और कम उपयोग होने वाली अर्थिंग है यह टेम्परोरी(Temparory earthig) है,इमसे एक धातु जैसे लोहा का सरिया या रॉड में तार को बांध के जमिन के अन्दर गाड दिया जाता है और इमसे से एक तार को बाहर निकाल लिया जाता है अपने उपोग के लिए | किसी वैसे स्थान पर जहा नमी हो जैसे -किसी नाले के पास अक्सर हमलोग देखते हिं rod earthing को|

पती अर्थिंग क्या होता है ? (What is Strip earthing in hindi)

इसके नाम से हि लग रहा है की कोई पतली चीज होगी इसमें|

पति अर्थिंग में पतली strip जो की धातु का हो उसमे तार(earth wire) जोडकर किसी नमी वाले स्थान के अंदर गड दिया जाता है |

stirp earthing का use सबसे कम किया जाता है क्युकी यह कम उपयोगी होता है हलके फुल्के काम में इसका प्रोयोग करते हैं|

अपने घर की अर्थिंग कैसे करें (अपने ghar ki earthing kaise karen)

अगर हम अपने घर या किसी के भी घर मकान की अर्थिंग (ghar ki earthing) करना है तो सबसे पहले उस जमीन का प्रतिरोध (Resistance) चेक करते हैं|अर्थिंग लगते समय उस जमीन का प्रतिरोध 2.5Ω(यहाँ “Ω” को ओम कहते हैं) से 5Ω (ओम) तक होना चाहिए।

नोट:- जमीन का प्रतिरोध(Resistasnce) मापने या चेक करने के लिए अर्थ टेस्टर(Earth Ground Tester) का इस्तेमाल करते हैं।

अच्छा यहाँ पर बात करे की कौन सा प्रकार का अर्थिंग करना चाहिए तो इसका जवाब थोडा आपके समझ पे निर्भर करेगा मतलब यदि घर काफी छोटा है तो रॉड अर्थिंग से भी काम चल जायेगा, परन्तु यदि घर बड़ा हो जिसमे लोड भी ज्यादा हो तो आपको पाइप अर्थिंग या प्लेट अर्थिंग का प्रयोग अवश्य करना चाहिए|

निचे कुछ प्रतिरोध का मान दिया गया है जिसके अनुसार आप best earthing आप लगा सकते हैं

  • बड़े पावर प्लांट या स्टेशन (large capacity power plant earthing resistance) की अर्थिंग के लिए जमीन का प्रतिरोध पॉइंट 5 ओम तक होना चाहिए।
  • मध्यम प्रकार के पावर स्टेशन((Medium capacity power plant earthing resistance) के लिए जमीन का प्रतिरोध एक उम्र तक होना चाहिए।
  • छोटी-छोटी सब स्टेशन((Small capacity power plant earthing resistance) का अर्थ इन करते समय जमीन का प्रतिरोध 2Ω ( दो ओम om) तक होना चाहिए।
  • इसी प्रकार घर की अर्थिंग (ghar ki earthing) करने हो, तो उस समय जमीन का प्रतिरोध 2.5 से 5 ओम तक होना चाहिए।

कुछ महत्वपूर्ण निर्देश या बातें:-

Electricals instruments are always full of dangers so be carefull while doing any such activity related to current or electricity

  1. अर्थिंग(earthing) करते समय सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए।(Always follow the Rules and regulation Earthing issued by INDIAN STANDARD)
  2. अर्थिंग(earthing) करने के लिए किसी टेक्नीशियन ये इलेक्ट्रीशियन को बुलाना चाहिए।
  3. Earthing हमेशा किसी सेफ जगह पे करना चाहिये जहा बच्चे न पहुच पाये और उसके चपेट में न आ पाये|

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